स्वदेशी चिकीत्सा का अनुभव
में अमित पंचाल
पिछले शुक्रवार को मेरा एक्सिडेंट हुआ। पेरो में मोच आ गयी और पैर सूज गया।
अब जब पिछले कई सालो से अग्रेजी दवा की काली करतूत का अध्ययन कर रहा हु और साथ आयुर्वेद का अध्ययन भी कर रहा हु और अनुभव भी ले रहा हु।
उसी वजह से लोगो को लाख समजाने के बावजूद भी मेने घरेलू उपचार ही अपनाया।
अब उसका रिज़ल्ट जो मिला वह चमत्कारिक हे।
न कोई मुझे ज्यादा पैन हुआ और थोड़ी ही दिन में चलने लगा।
हल्दी का मसाज और अदरख ने जबरजस्त पेन किलर का काम किया।
तेल में लॉन्ग और लहुसन की मालिस ने सूजन को एक दो दिन में ही कम कर दिया।
लक्षुरादि गुग्गल और अश्वगंधा ने मसल्स को अंदर से ठीक कर दिया।
लोग कहते हे की आयुर्वेदिक धीमा कार्य करता हे। पर 4 दिन में ठीक होना यह कोई धीमी प्रक्रिया नहीं हे।
ज्यादा आयुर्वेदिक जानकारी के लिए संपर्क करे 8000824088
જીગ્નેશ પટેલ: मे जीग्नेश पटेल
मेरी मौसी को मसे की तकलीफ थी , उन्होंने बहोत दवाइ कराइ पर कोइ फर्क नहिथा, फिर मेने उनको स्वदेशी चिकीत्सा का एक प्रयोग बताया की ४०नंग अंजीर बाजार से लेआओ, २अंजीर सुबह भीगोके शामको और २अंजीर शाम को भीगोके शुबह खाने को कहा, १० दिन तक कीया , अभी ७-८ महिने हो चुके है, मसे की कोइ तकलीफ नहि है। संपर्क: ९४२९१९९७३३
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